एक सुंदर शायरी .....खैरात में मिली हुई खुशी हमे पसंद नहीं हैक्यूं कि हम गम में भी नवाब की तरह जीते हैंएक ने हमे पूछा "कहाँ रहते हो "हमने कहा "औकात में "उसने फिर पूछा "कब तक ?"मैंने कहा "सामने वाला रहे तब तक "दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे,लोग पैदल चलेंगे और हम कंधो पर...