गरूर जब भी हो जाता है अपने आप पे मुझे। जा कर जलते हुए श्मशान देख आता हूँ॥ Admin श्मशान पर शायरी, प्रेम << अजीब तरह के लोग हैं क्या दौर आया है एक तरफ >> गरूर जब भी हो जाता हैअपने आप पे मुझे।जा कर जलते हुएश्मशान देख आता हूँ॥ Share on: