"आँखों से मेरी अपने लिए समन्दर निचोड़ लो दिल के सुनसान अम्बर से चाँद-तारे तोड़ लो तुम Admin समन्दर पर शायरी, प्रेम << जिनके दिल पे लगती है चोट ... तेरी चाहत मेँ सनम >> "आँखों से मेरी अपने लिए समन्दर निचोड़ लोदिल के सुनसान अम्बर से चाँद-तारे तोड़ लोतुम कह सको अगर हमें कह दो ‘खुदामरने के बाद ही सही ,,,,,,नाता तो जोड़ लो |" Share on: