"हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ Admin तकिया शायरी, प्रेम << जानते हो सब फिर भी अनजान ... मुस्कुराते पलको पे सनम चल... >> "हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ..हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ..सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें..अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ." Share on: