सितम को हमने बेरुखी समझा Admin ज़िन्दगी और मौत शायरी, प्रेम << हम प्यार उन्ही से करते है सपनो की दुनिया में हम खोत... >> सितम को हमने बेरुखी समझा,प्यार को हमने बंदगी समझा,तुम चाहे हमे जो भी समझो,हमने तो तुम्हे अपनी ज़िन्दगी समझा. Share on: