तुझसे नाराज होना होता तो कब का हो जाते Admin जिंदगी का सच शायरी, प्रेम << हम पर भरी बहार का होता नह... खामोश हूँ मै तो क्या >> तुझसे नाराज होना होतातो कब का हो जाते....तुम "हसरत-ए-जिदंगी"हो,कोई "मतलब-ए जिदंगी" नही.. Share on: