दोस्ती एक किताब है जो कितनी भी पुरानी हो जाए Admin अलफ़ाज़ शायरी, रिश्ते << मोहब्बत से करो आगाज तो अज... स्वार्थ से रिश्ते बनाने क... >> दोस्ती एक किताब है जो कितनी भी पुरानी हो जाएपर उसके अलफ़ाज़ नहीं बिगड़ेंगे!कभी याद आये तो पन्ना पलटकर देखनाहमारे दिल के रिश्ते के तार भी वैसे ही कायम मिलेंगे! Share on: