नाराज़गियों को कुछ देर चुप रहकर मिटा लेना बहतर है Admin गलतियां शायरी, रिश्ते << वो अक्सर मुझसे कहती थी की... इस रिश्ते को यूँ ही बनाये... >> नाराज़गियों को कुछ देरचुप रहकर मिटा लेना बहतर है..गलतियों पर बातें और बहसकरने से रिश्ते उलझ जाते हैं..।। Share on: