ग़म इस कद्र बढे कि घबरा कर पी गया Admin बेबसी शायरी, शराब << नफरतों का असर देखो जानवरो... पी के रात को हम उनको भुला... >> ग़म इस कद्र बढे कि घबरा कर पी गयाइस दिल की बेबसी पर तरस खा कर पी गयाठुकरा रहा था मुझे बड़ी देर से ज़मानामैं आज सब जहां को ठुकरा कर पी गया! Share on: