काठी कि दोस्ती बन्दुक से और बन्दुक कि दोस्ती काठी से' वक़्त बदला है खून नहीं खून पर शायरी, Attitude << हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास... इतना ना #Attitude दिखा ... >> काठी कि दोस्ती बन्दुक से और बन्दुक कि दोस्ती काठी से'वक़्त बदला है खून नहीं. माथे पर टीका कमर पर तलवार,नजर से करे जो वार उन्हे 'काठी दरबार' कहते है..॥जय मोगल Share on: