आज समझा हूँ तेरी हुस्ने नज़र का मेह्फूम Admin ग़रीब शायरी, Funny << किस्मत की किताब लिखने वाल... दिल ने कहा दोस्त को याद क... >> आज समझा हूँ तेरी हुस्ने नज़र का मेह्फूमइससे हर लम्हा शरारत कि ख़बर मिलती हैअहले जर के हैं चमन बू ए वफ़ा से ख़ालीसिर्फ ये खुशबू ग़रीबों के ही घर मिलती है Share on: