रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं Admin Good Night << ए पलक तु बन्द हो जा सब सो गए खुशी खुशी अपना ह... >> रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं| Share on: