ताश के पत्तों से महल नहीं बनता समंदर की शायरी, Inspirational << सिर्फ आसमान छू लेना ही का... उबाल इतना भी ना हो कि खून... >> ताश के पत्तों से महल नहीं बनतानदी को रोकनণe47 से समंदर नहीं बनताआगे बढ़ते रहो जिंदगी में हर पलक्योंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता! Share on: