सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में Admin यादों पर शायरी, Other << दुनिया के ज़ोर प्यार के द... प्यार करते हैं तुमसे कितन... >> सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने मेंफिर रात को उसकी यादों की हवा चलती है और हम फिर बिखर जाते हैं।This is a great सारी शायरी. Share on: