तू छू रहा Admin फल शायरी, Poetry << कुछ ख्वाहिशो के पंख मुझे ... खुद को भी भूल जायेंगे >> तू छू रहा,गर किसी उंचाई कोअपने गुरुर से बाहर आके खुदा भी कभी-कभीआ जाता है, जमीं परवो देख यहाँ जितने भीदरख़्त हैं जो लदे हैं फलों सेसब झुके हुए हैंजो अकड़ के खड़े हैंउनका हश्र तूफानों के बादजमीन बता देती है Share on: