टूटे दिल को अक्ल सिखा दे, किसके बस की बात हैसच्ची मुहब्बत दिल से मिटा दे, किसके बस की बात हैउम्र गुजर जाती है पल-पल उनके यादों के मंजर मेंफिर किसी से दिल लगा ले, किसके बस की बात हैरोज मैखाने में जाकर रोते हैं वो जुदाई मेंपीकर कोई दिल बहला ले, किसके बस की बात हैलेकर आती हैं बहारें जीवन में फूलों का मौसमपतझड़ का भी मन महका दे, किसके बस की बात है