हिन्दू मुस्लिम एकता हिन्दू धर्म पर शायरी, Shayari << हम एक हैं शिकन तन्हाई ऐसी धा रही है >> हिन्दू मुस्लिम एकताजो हैं बाँटते उन से ऐमन यह कहदोकि गंगा और जमना की हैं संस्कृति हमकयों हो भी जुदा यह ज़रा तो बताऔहै कविता मुहब्बत की जग को सुनानी ।। Share on: