किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया… तैरना शायरी, Shayari << एक ही समानता है पतंग औऱ ज... अक्सर दिखावे का प्यार ही ... >> किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया…बोझ शरीर का नही साँसों का था…. Share on: