कुछ चीजें कमजोर हिफाजत में भी महफूज रहती है Admin निदा फ़ाज़ली की शायरी, Sher O Shayari << सिर्फ लफ़्ज़ों को न सुनो अब उठती नहीं हैं आँखें >> कुछ चीजें कमजोर हिफाजत में भी महफूज रहती है,जैसे मिट्टी के गुलक में लोहे के सिक्के..!! Share on: