All English Shayari

KHud-gharz ho ke apnon ke gham-KHwar hi raho

khud-gharz ho ke apnon ke gham-khwar hi raho ...

abdullah-minhaj-khan

jo ek shaKHs tha misl-e-bahaar mere liye

jo ek shakhs tha misl-e-bahaar mere liye ...

abdullah-minhaj-khan

jis se bhi humne dil-lagi ki hai

jis se bhi hum ne dil-lagi ki hai ...

abdullah-minhaj-khan

har moD pe jo bante hain hushiyar bar-bar

har mod pe jo bante hain hushiyar bar-bar ...

abdullah-minhaj-khan

bana ke KHud ko mohabbat mein ba-wafa rakhiye

bana ke khud ko mohabbat mein ba-wafa rakhiye ...

abdullah-minhaj-khan

apne hathon ki lakiron mein saja le mujhko

apne hathon ki lakiron mein saja le mujh ko ...

qateel-shifai

बर्फ़बारी से पहले

“आज रात तो यक़ीनन बर्फ़ पड़ेगी”, साहिब-ए-ख़ाना ने कहा। सब आतिश-दान के और क़रीब हो के बैठ गए। आतिश-दान पर रखी हुई घड़ी अपनी मुतवाज़िन यकसानियत के साथ टक-टक ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

मम्मद भाई

फ़ारस रोड से आप उस तरफ़ गली में चले जाइए जो सफ़ेद गली कहलाती है तो उसके आख़िरी सिरे पर आपको चंद होटल मिलेंगे। यूँ तो बंबई में क़दम क़दम पर होटल और रेस्तोर...

सआदत-हसन-मंटो

آسماں بھی ہے ستم ایجاد کیا!

جولائی ۴۴ء کی ایک ابر آلود سہ پہر جب وادیوں اور مکانوں کی سرخ چھتوں پر گہرا نیلا کہرا چھایا ہوا تھا اور پہاڑ کی چوٹیوں پر تیرتے ہوئے بادل برآمدوں کے...

قرۃالعین-حیدر

स्वराज के लिए

मुझे सन् याद नहीं रहा लेकिन वही दिन थे। जब अमृतसर में हर तरफ़ “इन्क़लाब ज़िंदाबाद” के नारे गूंजते थे। उन नारों में, मुझे अच्छी तरह याद है, एक अ’जीब क़िस...

सआदत-हसन-मंटो

ये ग़ाज़ी ये तेरे पुर-अस्रार बन्दे

ट्रेन मग़रिबी जर्मनी की सरहद में दाख़िल हो चुकी थी। हद-ए-नज़र तक लाला के तख़्ते लहलहा रहे थे। देहात की शफ़्फ़ाफ़ सड़कों पर से कारें ज़न्नाटे से गुज़रती जाती थ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

डालन वाला

हर तीसरे दिन, सह-पहर के वक़्त एक बेहद दुबला पुतला बूढ़ा, घुसे और जगह-जगह से चमकते हुए सियाह कोट पतलून में मलबूस, सियाह गोल टोपी ओढ़े, पतली कमानी वाली छो...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

अंगूठी की मुसीबत

(1) ...

मिर्ज़ा-अज़ीम-बेग़-चुग़ताई

मेरा नाम राधा है

ये उस ज़माने का ज़िक्र है जब इस जंग का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। ग़ालिबन आठ नौ बरस पहले की बात है जब ज़िंदगी में हंगामे बड़े सलीक़े से आते थे। आज कल की तरह न...

सआदत-हसन-मंटो

क़ैदख़ाना

अबे ओ राम लाल, ठहर तो सही। हम भी आ रहे हैं। ...

अहमद-अली

सुना है आलम-ए-बाला में कोई कीमिया-गर था

फिर शाम का अंधेरा छा गया। किसी दूर दराज़ की सरज़मीन से, न जाने कहाँ से मेरे कानों में एक दबी हुई सी, छुपी हुई आवाज़ आहिस्ता-आहिस्ता गा रही थी, ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

diwar yaad aa gai dar yaad aa gaya

diwar yaad aa gai dar yaad aa gaya ...

ajmal-siraj

बाँझ

मेरी और उसकी मुलाक़ात आज से ठीक दो बरस पहले अपोलोबंदर पर हुई। शाम का वक़्त था, सूरज की आख़िरी किरनें समुंदर की उन दराज़ लहरों के पीछे ग़ायब हो चुकी थी जो...

सआदत-हसन-मंटो

क़लंदर

ग़ाज़ीपूर के गर्वमैंट हाई स्कूल की फ़ुटबाल टीम एक दूसरे स्कूल से मैच खेलने गई थी। वहाँ खेल से पहले लड़कों में किसी छोटी सी बात पर झगड़ा हुआ और मारपीट शुरू...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

सुना है आलम-ए-बाला में कोई कीमिया-गर था

फिर शाम का अंधेरा छा गया। किसी दूर दराज़ की सरज़मीन से, न जाने कहाँ से मेरे कानों में एक दबी हुई सी, छुपी हुई आवाज़ आहिस्ता-आहिस्ता गा रही थी, ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर
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