रात की गहराई आँखों में उतर आई हिंदी शायरी वफ़ा, Bewafa << कुछ पल तुम से बात करके दि... वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्... >> रात की गहराई आँखों में उतर आई,कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई| Share on: