बादशाह की गली मेँ आकर बादशाह का पता नही पूंछते गुलाम पर शायरी, Decent << मेरी आँखों के जादू से तुम... कभी अपनी उम्र और पैसो पर ... >> बादशाह की गली मेँ आकर बादशाह का पता नही पूंछते.यारा...गुलामों के जुके हुए सीर खुदबखुद रास्ता बता देते हैं! Share on: