गलती सुधरने का मौका तो उसी दिन से मिलना बंद हो गया था जिस दिन हाथ में Admin पेम शायरी मराठी, Decent << वक़्त से लड़कर जो अपनी तक... दिखावे की महोब्बत से बेहत... >> गलती सुधरने का मौका तोउसी दिन से मिलना बंद हो गया थाजिस दिन हाथ में पेंसिल की जगहपेन थमा दिया गया था| Share on: