“ओस की बूंदे है Admin आसमां पर शायरी, Decent << तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ... रिमझिम तो है मगर सावन गाय... >> “ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन हैये कैसा मोड है जिन्दगी का जो लोग खास हैउन्की की कमी हैं ” Share on: