तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में Admin सच्चा दोस्त शायरी, Decent << सब ने पैसा तो बहुत कमा लि... “ओस की बूंदे है >> तकलीफें तो हज़ारों हैंइस ज़माने में,बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करेतो बर्दाश्त नहीं होता| Share on: