बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो Admin सरसों पर शायरी, Dosti << बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमक... सोचा था न करेंगे किसी से ... >> बरसात आये तो ज़मीन गीली न होधूप आये तो सरसों पीली न होए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कितेरी याद आये और पलकें गीली न हों। Share on: