दोस्त रुठे तो रब रुठे Admin रूठ शायरी, Dosti << हर कर्ज दोस्ती का अदा कौ... दोस्ती इन्सान की ज़रुरत ह... >> दोस्त रुठे तो रब रुठेफिर रुठे तो जग छुटेअगर फिर रुठे तो दिल टूटेऔर अगर फिर भी वो रुठे:तो मारो डंडा तब तक जब तक डंडा ना टूटे। Share on: