दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है Admin मेरे खुदा शायरी, Dosti << दोस्त रुठे तो रब रुठे असली हीरे की चमक नहीं जात... >> दोस्ती इन्सान की ज़रुरत हैदिलों पर दोस्ती की हुकुमत हैआपके प्यार की वजह से जिंदा हूँवरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है। Share on: