यार दोस्त जब भी बुलाते सदा वो फंसता था Admin शादी शायरी Facebook, Dosti << हम खुद पर गुरुर नहीं करते गीत की ज़रूरत महफ़िल में हो... >> यार दोस्त जब भी बुलाते सदा वो फंसता थाखर्चा भी करता था हरदम फिर भी हंसता थाजब भी मिलता मुस्कुराता और हर्षाता थासुखा सुखा लगता है अब, तब बादल सा बरसता थालगता है के अंग्रेजी पतलून अब खादी हो गई हैजी हाँ आप सही समझे उसकी शादी हो गई है। Share on: