जीत और हार के बीच में डर Inspirational << मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति ... जिस प्रकार विश्व को जीतने... >> जीत और हार के बीच में डर, जों हार से डर गया समझो जीत हार गयी, जो हार से नहीं डरा जीत -जीत गयी!कठ्नाई को कठ्नाई मत समझो, विरोध करने की शक्ती भी रखो, सम्झोतावादी मत बनो! Share on: