जिन्दगी के हर कदम में विजय दशमी शायरी, Inspirational << पुना नव्हे पुणे म्हणा बुराई इसलिए नहीं पनपती कि... >> जिन्दगी के हर कदम में, कोई न कोई जोखिम होगा । बन जाओ ऐसे बहादुर कि जोखिम का सामना करने के लिए तैयार हो सको। जो जोखिम का सामना कर सकता है बस उसी को विजयमाला मिला करती है। Share on: