सूर्या से एक शायर असीर तशरीफ़ लाए। क़तील साहिब ने जो उन दिनों पाकिस्तान राईटर्ज़ गिल्ड के सेक्रेटरी थे, उनका इस्तिक़बाल करते हुए कहा, “पहली दफ़ा मैंने देखा है कि ‘असीर’ बे-ज़ंजीर भी होते हैं।” इस पर असीर ने बरजस्ता जवाब दिया: “मैंने भी पहला क़तील देखा है जो क़त्ल होने के बाद भी ज़िंदा है।”