एक दिन मिला नसरुद्दीन बकरी का गोश्त लेकर आए और बीवी को जल्दी से पकाने की हिदायत कर के वापस चले गए। बीवी ने गोश्त पकाया। इतने में उनकी दो सहेलियाँ आगईं। बीवी ने उन्हें खाना खिलाया और ख़ुद भी खाया। सारा गोश्त ख़त्म हो गया। मुल्ला-जी वापस आए तो उनके सामने दाल लाकर रख दी। उन्होंने पूछा। मैं जो गोश्त लाया था वो क्या हुआ? बीवी ने जवाब दिया। वो तो बिल्ली खा गई। मुल्ला-जी ने पूछा। गोश्त का वज़न कितना था? बीवी ने जवाब दिया। आधा किलो। मुल्ला-जी फ़ौरन बावर्चीख़ाने से तराज़ू लेकर आए और बिल्ली को पकड़ा। मुल्ला-जी की बिल्ली बहुत दुबली थी। उन्होंने उसे तौला तो वो ठीक आधा किलो निकली। उन्होंने कहा अजीब बात है, अगर ये बिल्ली है तो गोश्त क्या हुआ? और अगर ये गोश्त है तो बिल्ली क्या हुई?