गुल-ओ-गुलज़ार Admin बाल कहानी, Latiife << आइसक्रीम शायर बदकिर्दार क्यों? >> एक आदमी अपने घर के सामने मिट्टी में लोट-पोट हो रहा था। आख़िर दो तीन मोअज़्ज़िज़ीन ने उसे रोक कर पूछा। “तुम किस मुसीबत में मुब्तला हो?” उसने जवाब दिया। “तुम जाहिल क्या जानो। मैं उस फ़लसफ़े पर अमल कर रहा हूँ कि दाना ख़ाक में मिलकर गुल-ओ-गुलज़ार होता है।” Share on: