नुशूर वाहिदी ने फ़िराक़ से कहा कि पिछले हफ़्ता मैं उर्दू की कापियां देख रहा था। एक साहिबज़ादे ने जो हाली की सवानिह हयात (जीवनी) लिखना चाहते थे, लिखा था कि हाली पानीपत के मैदान में पैदा हुए। फ़िराक़ साहिब बहुत हँसे कहने लगे, “हिस्ट्री का तालिब-इ’ल्म होगा शायद।”