जानवर और जानदार का फ़र्क़ By Latiife << अंधे को अंधेरे में बड़ी दू... एक आँख का वायसराय >> एक ज़माने में सालिक की मौलाना ताजवर से शकर-रंजी(दोस्तों में अस्थायी मनमुटाव) हो गयी। एक महफ़िल में अदीब-शायर जमा थे, किसी ने सालिक से पूछा, “ताजवर और ताजदार में क्या फ़र्क़ है?” सालिक ने जवाब दिया, “वही जो जानवर और जानदार में है।” Share on: