साइंस के उस्ताद ने तलबा को दूध के उनवान पर मज़मून लिखने को कहा। मज़मून के बारे में उस्ताद ने हिदायत दी कि उसे कम-अज़-कम चार सफ़्हात पर मुश्तमिल होना चाहिए। एक शागिर्द ने थोड़ी देर बाद ही एक सफ़्हा लिख कर उस्ताद को दिखाया तो उस्ताद ने नाराज़गी से कहा। “नालायक़ मैं चार सफ़्हे लिखने को कहा था”। सर मेरा मज़मून ख़ुश्क दूध पर है बच्चे ने मासूमियत से जवाब दिया।