लतीफ़े की इशाअत Admin बाल कहानी, Latiife << मदारी क्या बजा >> ताहिर (दादा-जान को मुस्कुराते देख कर) : दादा-जान! आप रिसाला पढ़ते हुए मुस्कुरा क्यों रहे हैं?। दादा: बेटा! जब मैं तुम्हारी उम्र का था तो मैं ने रिसाले में उस वक़्त एक लतीफ़ा लिख कर भेजा था, वो आज शाए हुआ है। Share on: