एक शहरी आदमी और एक किसान एक साथ सफ़र कर रहे थे। शहरी आदमी ने किसान से कहा आओ हम एक दूसरे से पहेलियाँ बूझवाते हैं जो पहेली ना बूझे उसे पाँच सौ रुपये देने पड़ेंगे। किसान बोला: नहीं जनाब! आप पढ़े लिखे हैं, आप पाँच सौ रुपये, दीजिएगा, मैं दो सौ रुपये दूँगा। शहरी आदमी राज़ी हो गया। पहले किसान ने पहेली कही: वो कौन सा जानवर है जो उड़ता है तो उस की आँखें आठ होती हैं और जब ज़मीन पर चलता है तो चार। शहरी आदमी ने बहुत सोचा और आख़िर-कार हार मान कर पाँच सौ रुपय दे दिए। शहरी आदमी ने सोचा कि चलो मालूम तो करें कि वो जानवर कौन सा है। उसने अपनी बारी पर किसान से उसी की पहेली बूझ ली। किसान हंसा और उसने शहरी आदमी को दो सौ रुपये देकर कहा: जनाब! ये मुझे भी नहीं मालूम!