मौलाना अब्दुल मजीद सालिक रोज़नामा ‘ज़मींदार’ के एडिटर थे। तर्क-ए-मवालात की तहरीक में बर्तानिया के ख़िलाफ़ मज़ामीन लिखने की पादाश में गिरफ़्तार हुए और एक साल क़ैद बामुशक़्क़त की सज़ापाई। उसके बाद ज़मींदार के बहुत से एडिटर गिरफ़्तार हुए। होम मेंबर सर जॉन मीनार्ड जेल के मुआ’इने के लिए तशरीफ़ लाए तो सालिक साहिब से पूछा कि “‘ज़मींदार’ का असल एडिटर कौन है?” सालिक साहिब ने जवाब दिया कम अज़ कम मैं तो असली हूँ।” सर जॉन मीनार्ड ने हंसकर कहा ये तो हम जानते हैं लेकिन आजकल जिसका नाम ‘ज़मींदार’ में एडिटर के तौर पर लिखा जा रहा है वो तो कोई पान फ़रोश है। सालिक साहिब ने जवाब दिया कि “जब असल एडिटरों को इस तेज़ी से गिरफ़्तार करते जाऐंगे तो किसी पान फ़रोश को ही आगे बढ़ाना पड़ेगा।”