एक आदमी मेंढ़क पर तजरबा कर रहा था। उसने मेंढ़क को मेज़ पर रखा और उस के क़रीब जाकर ताली बजाई। मेंढ़क ज़ोर से उछला। उसने मेंढ़क की एक टांग काट दी। फिर उस के क़रीब जाकर ताली बजाई। मेंढ़क ज़रा सा अच्छा और गिर पड़ा। अब उसने मेंढ़क की दूसरी टांग भी काट दी और क़रीब जाकर ताली बजाई। इस बार मेंढ़क ज़रा सा भी ना उछला उस आदमी ने ये तजरबा अपनी नोट बुक में यूँ लिखा कि अगर मेंढ़क की दोनों टाँगें काट दी जाएँ तो वो बहरा हो जाता है।