शौकत थानवी बाग़-ओ-बहार तबीयत के मालिक थे। एक बार बीवी के साथ कराची जा रहे थे। जिस डिब्बे में उनकी सीट थी वो निचली थी। ऊपर की सीट पर एक मोटे ताज़े आदमी बिराजमान थे। शौकत साहब ने उठकर उन्हें ग़ौर से देखा फिर छत की तरफ़ देखकर कहा, “सुब्हान-अल्लाह क़ुदरत।” वो आदमी बोला, “क्या मुझसे कुछ कहना है?” शौकत ने कहा, “जी हाँ, आपकी नज़र में कोई लड़की है?” “क्यों?” “मैं उससे शादी करूँगा।” शौकत ने कहा। “वाह, आपकी तो बीवी है।” “सोचता हूँ जब आप नीचे उतरेंगे तो गिरेंगे ज़रूर और मेरी बीवी शहीद हो जाएगी। इसलिए मैं अभी से इंतिज़ाम कर रहा हूँ।” शौकत के इस जवाब पर सारा डिब्बा हंस दिया। और सारे सफ़र में वो मोटे आदमी सीट से नीचे नहीं उतरे।