अदब को जिंस-ए-बाज़ारी न करना By मशवरा, Mazahiya << महशर में गए शैख़ तो आ'... स्टेज पर पड़ा था जो पर्दा... >> अदब को जिंस-ए-बाज़ारी न करना ग़ज़ल के साथ बदकारी न करना Share on: