मुशाइरा में सुनूँ कैसे सुब्ह तक ग़ज़लें By मिज़ाह, Mazahiya पार्टीशन >> मुशाइरा में सुनूँ कैसे सुब्ह तक ग़ज़लें कि घर को छोड़ के फ़ुर्सत से मैं नहीं आया Share on: