राह में निकले थे ये सोचकर Admin जिंदगी शायरी 2 लाइन, Other << ये भी अच्छा है कि ये सिर्... जिंदगी ने कुछ इस तरह का र... >> राह में निकले थे ये सोचकर, किसी को बना लेंगे अपनामगर इस ख्वाहिश ने, जिंदगी भर का मुसाफिर बना दिया। Share on: