जान देने के सिवा एक और चारा हैइस जुदाई में लिखना भी एक सहारा हैशाम कट जाती है दरिया पे बैठे-बैठेरात संग चाँद-सितारों का उजाला हैचंद रिश्तों को हम आज भी निभाते हैंउनसे मिलना भी मेरे दिल को गँवारा हैभले दुनिया नहीं देखेंगे इन आँखों सेमौत की राह देखना भी एक नजारा है