मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है दे कर वो Admin बेवफा शायरी अप्प्स, Poetry << होठों की हँसी को ना समझ ह... तुम हमें जान पाओ तुम्हें ... >> मज़बूरी में जब कोई जुदा होता हैज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता हैदे कर वो आपकी आँखों में आंसूअकेले में आपसे भी ज़्यादा रोता है Share on: