आदमी थे शय हुए सौदा हुए By Qita << आज है अहल-ए-मोहब्बत का मु... बाँध कर कफ़न सर से यूँ खड... >> आदमी थे शय हुए सौदा हुए बद हुए बद-तर हुए बे-जा हुए कम हुए कम-तर हुए फिर ना हुए इस तरह हम इश्क़ में ज़ाया हुए Share on: