अब्र में छुप गया है आधा चाँद By Qita << दोस्तो मशवरे न दो हम को रात तो काली थी लेकिन रात ... >> अब्र में छुप गया है आधा चाँद चाँदनी छन रही है शाख़ों से जैसे खिड़की का एक पट खोले झाँकता हो कोई सलाख़ों से Share on: