अल्लाह अल्लाह ये लर्ज़िश-ए-मिज़्गाँ By Qita << दोपहर मैदान गर्मी हब्स अब... दुनिया से दर-गुज़र कि गुज... >> अल्लाह अल्लाह ये लर्ज़िश-ए-मिज़्गाँ झुटपुटे का है तुर्फ़ा राज़-ओ-नियाज़ रागनी में ढला हुआ गोया रात को घूमते कुरे का गुदाज़ Share on: